आप अभी यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल तो जरूर कर रहे होंगे और यदि आप मोबाइल का इस्तेमाल करते होंगे तो उसमें SIM लगा कर जरूर रखे होंगे। जिससे आप इंटरनेट और कॉलिंग की सुविधा प्राप्त करते हैं। सिम तीन प्रकार के होते हैं।
आज सभी मोबाइल में नैनो सिम का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पहले माइक्रो सिम का इस्तेमाल किया जाता था और उससे भी पहले बड़े सिम का इस्तेमाल किया जाता था जिसे सिम कार्ड कहा जाता है। सिम का फुल फॉर्म सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल होता है। लेकिन आपने कभी ध्यान दिया है कि आपके सिम पर 19 डिजिट का एक नंबर लिखा होता है। आखिर इसका मतलब क्या होता है। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे।
इस 19 डिजिट के नंबर में आप की महत्वपूर्ण जानकारी से लेकर टेलीकॉम ऑपरेटर तक की जानकारी रहती है।
इस 19 डिजिट में पहले दो डिजिट में instrudy कोड होता है। इसे itu यानी इंटरनेशनल टेलीकॉम यूनियन डिज़ाइन करती है। इसके अगले दो डिजिट में कंट्री कोड होता है। जिसे mcc यानी मोबाइल कंट्री कोड कहते हैं। ये कंट्री के हिसाब से अलग अलग होता है। इंडिया में यह कोड 91 होता है। अगला 2 डिजिट में issuer नंबर होता है। जो टेलीकॉम instrudy जारी करती है। हर स्टेट का issuer नंबर अलग अलग होता है। अगले 12 डिजिट को सिम नंबर कहा जाता है। इसे कस्टमर आइडेंटिटी नंबर भी कहा जाता है। इसी नंबर से आपके मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड रखा जाता है। आखरी एक नंबर को चेक सम नंबर कहा जाता है। यह शुरुआती 18 नंबर को कैलकुलेट करके बनता है। जो आखरी अल्फाबेट होता है वह ज्यादातर SIM पर यू लिखा होता है। यू का मतलब होता है यूनिवर्सल। यानी कि यह सिम 2जी से लेकर 4 जी तक सभी डिवाइस पर काम कर सकता है। जो इन सभी नेटवर्क पर काम नहीं करता है उस पर h लिखा होता है।
आज सभी मोबाइल में नैनो सिम का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पहले माइक्रो सिम का इस्तेमाल किया जाता था और उससे भी पहले बड़े सिम का इस्तेमाल किया जाता था जिसे सिम कार्ड कहा जाता है। सिम का फुल फॉर्म सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल होता है। लेकिन आपने कभी ध्यान दिया है कि आपके सिम पर 19 डिजिट का एक नंबर लिखा होता है। आखिर इसका मतलब क्या होता है। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे।
इस 19 डिजिट के नंबर में आप की महत्वपूर्ण जानकारी से लेकर टेलीकॉम ऑपरेटर तक की जानकारी रहती है।
इस 19 डिजिट में पहले दो डिजिट में instrudy कोड होता है। इसे itu यानी इंटरनेशनल टेलीकॉम यूनियन डिज़ाइन करती है। इसके अगले दो डिजिट में कंट्री कोड होता है। जिसे mcc यानी मोबाइल कंट्री कोड कहते हैं। ये कंट्री के हिसाब से अलग अलग होता है। इंडिया में यह कोड 91 होता है। अगला 2 डिजिट में issuer नंबर होता है। जो टेलीकॉम instrudy जारी करती है। हर स्टेट का issuer नंबर अलग अलग होता है। अगले 12 डिजिट को सिम नंबर कहा जाता है। इसे कस्टमर आइडेंटिटी नंबर भी कहा जाता है। इसी नंबर से आपके मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड रखा जाता है। आखरी एक नंबर को चेक सम नंबर कहा जाता है। यह शुरुआती 18 नंबर को कैलकुलेट करके बनता है। जो आखरी अल्फाबेट होता है वह ज्यादातर SIM पर यू लिखा होता है। यू का मतलब होता है यूनिवर्सल। यानी कि यह सिम 2जी से लेकर 4 जी तक सभी डिवाइस पर काम कर सकता है। जो इन सभी नेटवर्क पर काम नहीं करता है उस पर h लिखा होता है।
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