RTI (Right To Information) Kya Hai (RTI क्या है?) RTI एक्ट लाने की जरूरत क्यों पड़ी?

RTI अंग्रेजी का एक शार्ट फॉर्म है, जिसका फुल फॉर्म "Right To Information" होता है और हिंदी में इसे "सूचना का अधिकार" के नाम से जाना जाता है। RTI अधिनियम 2005 से पूरे देश में लागू है।(धारा-370 खत्म होने के बाद ये अधिनियम अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू है। पहले ये अधिनियम जम्मू-कश्मीर में लागू नही था।)

RTI(Right To Information) Act क्या है?(What Is RTI Act In Hindi)

RTI (Right To Information) Kya Hai (RTI क्या है?
सूचना का अधिकार(RTI) Act भारत का एक महत्वपूर्ण कानून है। ये कानून हर भारतीय नागरिक को ये अधिकार देती है कि वो देश के किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते हैं।(हालांकि कुछ ऐसी भी विभाग है जिसका सूचना देने से मना भी किया जा सकता है।) ये कानून 2005 से पूरे देश मे लागू है और तब से अबतक इस कानून ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। 

इस एक्ट के इस्तेमाल से हर भारतीय हर वो सूचना मांग सकता है जो सूचना देश के किसी संसद या फिर विधानसभा के सदस्यों को दिया जा सकता है।

सूचना का अधिकार(RTI) लाने की जरूरत क्यों पड़ी? 

RTI लाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि इस कानून से पहले एक आम नागरिक को ये मालूम नही होता था कि वो जो टैक्स के रूप में रुपया सरकार को दे रहे हैं उसका किस तरह से इस्तेमाल हो रहा है। पहले ये मालूम नही होता था कि आखिर किसी काम के लिए कोई विभाग कितना रुपया खर्च कर रही है और वो काम सम्पन्न करवाने के लिए क्या-क्या गाइडलाइंस तैयार की गई है। 

अब RTI का इस्तेमाल करके कोई भी नागरिक इस बात की जानकारी आसानी से ले सकता है कि आखिर कोई विभाग कैसे संचालित हो रही है। 

आरटीआई के दायरे में आने वाले विभाग

  • राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के ऑफिस 
  • संसद(दोनों सदन) और विधानसभा(सभी राज्य के)
  • देश के सभी न्यायालय
  • चुनाव आयोग
  • तमाम सरकारी बैंक 
  • सभी सरकारी ऑफिस
  • सरकारी अस्पताल
  • पुलिस विभाग
  • सेना के तीनो अंग
  • पब्लिक सेक्टर यूनिट(PSU)
  • सरकारी Insurance कंपनी
  • सरकारी टेलीकॉम कंपनी
  • सरकार से आर्थिक सहायता लेने वाले NGO

इस विभाग पर लागू नही होता है RTI

RTI एक्ट में कुछ ऐसे भी विभाग का जिक्र है जिसपर RTI लागू नही होता है और आप इन विभाग से किसी भी प्रकार की जानकारियां नही ले सकते हैं। ये विभाग हैं- 

खुफिया विभाग की जानकारी जिसके बाहर आने से देश को नुकसान हो सकता है। 

दूसरे कंट्री से भारत के संबंध

निजी संस्थानों से आप जानकारी नही मांग सकते हैं। हालांकि सरकार के पास इन निजी संस्थानों की जितनी जानकारी होती है आप वो ले सकते हैं। 

सूचना के अधिकार के तहत किसी भी प्रकार की सूचना पाने के लिए कितना शुल्क(Fee) देना पड़ता है? 

आरटीआई के तहत सूचना पाने के लिए किसी व्यक्ति को 10 रुपये की शुल्क जमा करानी होती है। हालांकि BPL(Below Poverty Line) वालों के लिए ये निशुल्क होती है। लेकिन इसके लिए RTI एप्लीकेशन के साथ BPL कार्ड का फोटोकॉपी साथ लगाना होता है। 

अन्य शुल्क- RTI फ़ाइल करते वक़्त 10 रुपये का जो शुल्क लगता है वो सबके लिए समान होता है। लेकिन कुछ अन्य शुल्क भी होते हैं जो इस प्रकार है- 

ज़ेरॉक्स: हर पेज के लिए RTI दाखिल करने वालों को 2 रुपया देना होता है। यदि आपके डॉक्यूमेंट का साइज बड़ा है तो उसे फोटोकॉपी करने में जो खर्च आएगा वो आपको देना होगा। 

यदि आप कोई सरकारी दस्तावेज देखना चाहते हैं तो पहले घंटे के लिए आपको कोई फीस नही देना होगा। वहीं एक घंटे से अधिक समय हो जाने पर हर घंटे के हिसाब से 5 रुपया लगता है। 

यदि आप कोई CD लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए हर CD का 50 रुपया देना होगा। 

आरटीआई के तहत सूचना मिलने में देरी होने पर करवाई का अधिकार 

सूचना का अधिकार(RTI) के तहत सूचना मिलने का समय सीमा- 

एक आम सूचना 30 दिन के अंदर मिल जानी चाहिए। 

यदि आप ऐसी कोई सूचना पाना चाहते हैं जो किसी के जीवन और उसके सुरक्षा से सम्बंधित है तो आपको 48 घंटे के अंदर सूचना मिलनी चाहिए। 

यदि आप किसी प्राइवेट कंपनी का सूचना चाहते हैं तो इसके मिलने का समयसीमा 45 दिन का है। 

अब यदि आपको तय समयसीमा के अंदर सूचना नही मिलती है तो इसके लिए RTI एक्ट में करवाई करने का भी प्रावधान है। 

यदि आपको कोई ऐसी सूचना उपलब्ध करवाई जाती है, जिससे आप सन्तुष्ट नही हैं। या फिर आपको तय समयसीमा के अंतर्गत सूचना मिलती ही नही है तो आप "प्रथम अपीलीय अधिकारी" के सामने प्रथम अपील डाल सकते हैं। इसका कोई फीस आपको नही देना होगा। 

अब "प्रथम अपीलीय अधिकारी" को 30 दिन से लेकर 45 दिन तक इस मामले का निपटारा करना होता है। 

अब यदि "प्रथम अपीलीय अधिकारी" का 45 दिन के अंदर कोई जवाब नही आता है। तो आवेदक राज्य की State Information Comission(SIC) के सामने दूसरा अपील कर सकता है। 

RTI आवेदन कैसे लिखें?(How To Write RTI Application In Hindi) 

यहां मैं RTI आवेदन लिखने के लिए एक प्रारूप दे रहा हूँ। आप अपने जरूरत के हिसाब से इस प्रारूप की मदद से RTI आवेदन लिख सकते हैं। 

मैं यहां SBI का उदाहरण ले रहा हूँ। 

सेवा में, 

जन सूचना अधिकारी 

(State Bank Of India)

(New Delhi A Branch) 

विषय: सूचना का अधिकार कानून, 2005 के तहत आवेदन 

महोदय, 

State Bank Of India, New Delhi Branch A से संबंधित निम्नलिखित सूचना दें। 

1. क्या इस बैंक में मिनिमम 10,000 रुपया जमा रहना चाहिए। यदि हां तो ऐसा किस कानून की वजह से हो रहा है मुझे उसकी जानकारी दें। 

2. यदि मैं इससे कम रुपया एकाउंट में रखता हूँ तो मुझे क्या-क्या अतिरिक्त शुल्क देना होगा। 

3. क्या कोई ऐसा प्रावधान है कि मैं अपने एकाउंट में इससे कम रुपया रख सकता हूँ। 

मैं इस आवेदन शुल्क के रूप में 10 रुपये का PO(Postel Order), MO(Money Order) (या आप जैसे भी शुल्क दे रहे हो उनकी जानकारी दें।) कृपया मुझे सूचना का अधिकार के तहत समय पर ये जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। 

आपका विश्वासी 

आवेदक का नाम- 

Date- 

पता- 

मुझे आशा है कि आपको इस आर्टिकल से RTI kya Hai सवाल का जवाब मिल गया होगा। 

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